वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Secrets
इस साधना के जरिये हम शक्तिशाली मोहिनी वशीकरण का प्रभाव पैदा कर सकते है.
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के दौरान यही उर्जा सीधे सामने वाले पर असर करती है.
विधि: शनिवार की रात को भैरव देव की पूजा करके उक्त मन्त्र से गुड़ को इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिसे भी खिलाया जायेगा, वही साधक के वश में हो जायेगा।
ॐ नमो तिलक इश्वर तिलक महेश्वर तिलक जय विजय कार
ॐ नमो आदेश गुरु का। कामरु देश कामाख्या देवी। जहाँ बसे इस्माईल जोगी ने दीन्हीं लौंग। एक लौंग राती माती। दूजी लौंग दिखावे राती। तीजी लौंग रहे ठहराया। चौथी लौंग भिलावे आया नहीं आवे तो कुआं बावड़ी घाट फिरे। रंडी कुआं बावड़ी पर छिटक मरे। ॐ नमो आदेश गुरु का। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
वशीकरण मंत्र का उपयोग व्यापार, प्रेम, और व्यक्तिगत मामलों में किया जाता है। हालांकि, इसका नैतिक मान्यता संबंधी मामलों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। व्यक्ति को उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करने का प्रयास करना नैतिकता के मामले में विवादास्पद हो सकता है।
अगर आप ऐसा करते है तो साधना खंडित होना तय है. साधना के दौरान उस व्यक्ति से कम ही मिले जिस पर आप प्रयोग कर रहे है.
ऐसी स्थिति में इसका प्रयोग करना आपको अलग से उर्जा देता है.
सब वीरन में तेरा सीर , सबकी नज़र बांध दे
कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए.
विधि: इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में दस हजार बार जप करके सिद्ध कर लें। more info फिर प्रयोग करते समय बृहस्पतिवार को प्रसन्न होकर थोड़ा-सा नमक लेकर उसे सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके जिस स्त्री को मोहित करना हो, उसके खाने-पीने की वस्तु में वह नमक मिला दें। वह स्वी साधक पर तन-मन-धन से मोहित हो जायेगी। देवदत्ती के स्थान पर साध्य स्त्री के नाम का उच्चारण करें।
विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप करके सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार उच्चारण करके उसे अभिमंत्रित करें। जिस स्त्री पर यह फूल डाला जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।
वशीकरण मंत्रों के नामित्व पर भी विभिन्न मत हैं। कुछ लोग उन्हें प्राकृतिक और वैज्ञानिक शक्तियों का एक रूप मानते हैं और इनका उपयोग सावधानीपूर्वक करते हैं। वे इन मंत्रों को सिद्ध करने के विभिन्न विधानों और प्रयोगों का पालन करते हैं। दूसरे लोग इन मंत्रों को अंधविश्वास और मिथ्या मानते हैं और इनका उपयोग अनैतिक और अन्यायसंगत समझते हैं।